नगरीय निकायों की चुंगी क्षतिपूर्ति से बिजली बिल के 50 करोड़ काटे, वेतन बांटने में आ रही दिक्कत

राज्य सरकार ने नगरीय निकायों को मिलने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति में से 50 करोड़ से ज्यादा काट लिए हैं। इस बार 170 करोड़ रुपए मिले हैं। इसके कारण निकायों को वेतन बांटने में भी पसीना आ रहा है। क्षतिपूर्ति राशि में लगातार कटौती से निकायों को पहले ही अपने स्तर पर व्यवस्था करना पड़ रही है। निकायों की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने से परेशानी बढ़ रही है। चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि के रूप में पहले हर महीने 324 करोड़ मिलते थे, लेकिन अगस्त 2019 में यह राशि 244 करोड़ कर दी गई है। बाद में इसमें और कटौती करके 222 करोड़ रुपए कर दिया गया। इस बार जो राशि मिली है, उसमें से बिजली बिल के बकाया 52 करोड़ रुपए काट लिए गए हैं। 


30 अप्रैल तक होगी करों की वसूली, फिर भी पैसे आने की उम्मीद नहीं


लॉकडाउन के कारण निकायों को और भी परेशानी सामने आएगी। कोरोना से लड़ने के लिए नगरीय निकायों को संसाधन जुटाने पड़ रहे हैं। इसके साथ ही करों की वसूली के लिए तारीख 30 अप्रैल तक बढ़ाई गई है। इससे उस मद में भी फिलहाल पैसे आने की उम्मीद नहीं है।


भोपाल नगर निगम में अगस्त, 2019 से ही वेतन बांटने में परेशानी हो रही है। पहले भोपाल को चुंगी क्षतिपूर्ति के 27 करोड़ रुपए मिलते थे। यह राशि अब घटकर लगभग साढ़े 14 करोड़ रुपए हो गई है। यहां वेतन में ही 30 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होते हैं। इसके साथ डीजल, लोन की किस्त आदि जोड़ ली जाए तो यह खर्च 50 करोड़ रुपए महीना से भी ज्यादा हो जाता है। भोपाल नगर निगम के 16 करोड़ रुपए बिजली बिल के काटे गए हैं। फरवरी का वेतन भी यहां 19 मार्च को बंट पाया था। इस बार कब बंटेगा, इसका कोई अता-पता नहीं है। वित्त आयोग से जो 56 करोड़ मिले, उसमें से भी 45 करोड़ रुपए काट लिए गए हैं। सरकारी विभागों से संपत्ति कर के बजाय सेवा कर वसूला जाता है। इसकी 224 करोड़ रुपए की राशि भी अटकी हुई है।


क्षतिपूर्ति में नहीं कर सकते कटौती, करेंगे चर्चा
सुरेंद्र सिंह सोलंकी, अध्यक्ष, मप्र नगर निगम नगर पालिका कर्मचारी संघ का कहना है कि चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि कम करने से निकायों में वेतन बांटने के लाले पड़ रहे हैं। विद्युत कंपनी को क्षतिपूर्ति की राशि से सीधे काटकर पैसे दिए जा रहे हैं। इस तरह सीधे कटौती नहीं की जा सकती, कंपनी को निकायों से इसकी वसूली करना चाहिए। कर्मचारी परेशान हैं। लॉकडाउन के कारण 14 अप्रैल के बाद इस संबंध में शासन से चर्चा की जाएगी।


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