राज्य सरकार के निर्णय से कर्मचारी और पेंशनर्स नाराज, कर्मचारी नेताओं ने कहा- डीए रोकना उचित नहीं, इससे गलत परंपरा शुरू होगी

मार्च के वेतन के साथ अब कर्मचारियाें काे 5 फीसदी महंगाई भत्ता नहीं मिल पाएगा। वित्त विभाग ने आदेश देकर इस बारे में 16 मार्च काे जारी किए गए आदेश काे स्थगित कर दिया है। राज्य सरकार के इस निर्णय से ज्यादातर कर्मचारी संघ, पेंशनर्स एसाेसिएशन नाराज हाे गए हैं। पेंशनर्स एसाेसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष गणेशदत्त जाेशी, एलएन कैलाशिया ने कहा कि काेराेना संकट के मद्देनजर कर्मचारी व पेंशनर्स मुख्यमंत्री राहत काेष में एक दिन का वेतन-पेंशन दे ही रहे हैं। ऐसे में डीए राेकना उचित नहीं है। यह गलत परंपरा की शुरुआत है।


मप्र कर्मचारी कांग्रेस के संरक्षक वीरेंद्र खाेंगल, सुनील ठाकरे, सुरेंद्र निगम, संविदा महासंघ के रमेश राठाैर, समन्वय समिति के संयाेजक प्रमाेद तिवारी, अरुण द्विवेदी, उदित सिंह भदाैरिया, टीएस मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियाें ने इसी संकट से निपटने के लिए एक-दाे दिन की सैलरी राहत काेष में दी, लेकिन डीए राेकना सही नहीं है। समिति के अशाेक शर्मा, राजेंद्र सिंह भदाैरिया, शारदा सिंह परिहार ने भी इसे कर्मचारी विराेधी आदेश बताया। तृतीय वर्ग संघ के सचिव उमाशंकर तिवारी, एलएन शर्मा ने कहा कि ऐसे हालात में यह निर्णय सही नहीं है। शासकीय अध्यापक संगठन के जितेंद्र शाक्य, उपेंद्र काैशल, आजाद अध्यापक संघ के शिवराज वर्मा ने कहा ऐसी परिस्थितियाें में डीए राेकना कुठाराघात है।


अजाक्स और सब इंजीनियर्स भी करेंगे मदद
डिप्लाेमा इंजीनियर्स एसेसिएशन के जीपी पाठक ने बताया कि सब इंजीनियर्स एक दिन की सैलरी के ताैर पर कराेड़ाें रुपए देंगे। अजाक्स के प्रवक्ता विजय शंकर श्रवण ने बताया संघ से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी काेराेना संकट के लिए 47.50 कराेड़ रुपए राहत काेष में देंगे।


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